women's safety in India
महिलाओं के प्रति अत्याचार के दस साल के आंकड़े कुछ इस प्रकार है :-
अगर हम भारत के अलग - अलग हिस्सों में महिलाओं के प्रति अत्याचारों का आंकडे देखें तो पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए देश में सबसे अधिक असुरक्षित स्थान है , उसके बाद क्रमशः असम, केरल, और बिहार का स्थान है । जिसमे केरल भारत का सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य माना जाता है वहां भी इस तरह की घटनाओं का बढ़ना किसी भयानक स्थिति का संकेत है ।
Different types of crime against women
महिलाओं के प्रति होने वाले अलग अलग अपराध
हत्या
अपहरण
बलात्कार
वैश्यावृति
कन्या भ्रूण हत्या
इन जैसी अनेकानेक घटनाएं है जो इस महान देश का सर विश्वभर में झुकाने के लिए पर्याप्त है। और यही अपराध बाहर के लोगो के बजाय हमारे अपने ही देशवासी कर रहे है । भारत एक ऐसा देश जहाँ सदियों से स्त्री का सम्मान होता आया है, हमारे पुराणो में उसे माता का रूप कहा गया है । उसी देश में इस तरह की घटना चुल्लू भर पानी में डूब मरने जैसी है । और कुछ वर्षों में जो महिलाओं के साथ अतयाचार हुए है उनमे अधिकांश ऐसे हैं जहाँ अपराधियों ने क्रूरता और पाशविकता की सीमा ही पार कर दी । ये देश के लोगों के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं है । अगर ऐसा ही चलता रहेगा तो किसी के घर की बहू बेटियां सुरक्षित नहीं रह सकती ।
BE SAFE..BE PROTECT..HAPPY 2016 YEAR..
what are the different ways to stop crime against women
महिलाओं के प्रति अत्याचार और उत्पीड़न को रोकने के क्या क्या तरीके हो सकते है : -
Teach them self defense
उन्हें आत्मरक्षा के तरीके सिखाना : - ये उपाय महिलाओं के प्रति अत्याचार को खत्म करने का सबसे कारगर है क्योंकि अधिकतर अपराधी महिलाओं की इसी कमजोरी का फायदा उठाते है अगर वो महिला अपनी आत्मसुरक्षा करना जानती है तो उनको अच्छा सबक मिल सकता है और उनके प्रति हो रहे अपराधों को काफी हद तक कम किया जा सकता है ।
Provide them some special gadgets
कुछ सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाना : - महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कंपनियों ने प्रोडक्ट भी लांच किये है, जैसे मिर्च वाला स्प्रे, इलेक्ट्रिक शॉक देने वाले गैजेट आदि । ये तरीका भी महिलाओं को छोटी छोटी प्रॉब्लम से निकलने में काफी असरदार है ।
Make some special laws to pretend the women rights
महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष क़ानून : - देश का कानून ही देश की जनता को उनकी सुरक्षा का विश्वास दिलाता है और भारत में होने वाली ये वारदाते हमारे हमारे लचर कानून की कमज़ोरी को उजागर करती है कि देश में पुलिस और कानून महिलओं की सुरक्षा करने में नाकाम है । इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए भारत सरकार को चाहिए की हमारे संविधान की दंड संहिता में संशोधन कर कठोर कानून बनाये जिसमे बलात्कार और एसिड अटैक की सजा फांसी हो । और फांसी से पहले उन्हें बुरी तरह से पीटा जाये जब दंड कठोर होगा तभी अपराधियों में अपराध करने के लिए डर फैलेगा।
How much people are aware in India about crime against women?
भारत में लोग महिलाओं पर होने वाले अपराध के प्रति कितने जागरूक?
अगर हम पूंजीपति लोगों की बात करें तो ये वो तबका है जिनको अपनी दुनिया में मस्त रहने की आदत है । देश - दुनिया में क्या हो रहा है इन्हे उससे कोई मतलब नहीं, जो देश में चाहे जो हो इनके जीवन पर उसका कोई असर नहीं होता जैसे इन्हे एहसास हो की इनके लिए कुछ खतरा है तो तुरंत देश से बाहर, पर सक्षम होने के उपरांत भी यही सोचते है कि हमें क्या मतलब? हमारी क्या लगती है ? तो इसी सोच के कारण देश में आज महिलाओं की स्थिति इतनी दयनीय है । और यही वो लोग है जो कानून को लेकर दुनिया भर की बातें बनाते है और कानून को कोसते है ।
तो अब यही सही तरीका है और देश की आधी आबादी की भी यही मांग है की अगर हम अपनी माँ बहनो की सुरक्षा चाहते है तो हमें कोई कठोर कदम उठाना ही होगा। और हर भारतीय की यही कोशिश होनी चाहिए कि कही भी हमारे आस - पास कुछ गलत हो रहा है तो उसके खिलाफ एकजुट होकर लड़े ना कि डरकर या लापरवाह और स्वार्थी बनकर पीछे हटें ।
BE SAFE..BE PROTECT..HAPPY 2016 YEAR..
जय हिन्द, जय भारत !
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